Sunday 13 December, 2009

उंहा लौंडिया राजे काटी 

लइका चीकन-चाकन बा
समझ ल हलुआ माखन बा 
बखरी बा दुतल्ला ओकर 
कोला-सहन कुल आपन बा
जएसन चाही ओयसन साटी
उंहा लौंडिया राजे काटी


एमे-ओम़े कैले बा
नोकरी सरकारी पएले बा
पोलियो कोई के जम्मे छु देला
ओकरा के जरिके धईले बा
एतने बदे ऊ तरुआ चाटी
उंहा लौंडिया राजे काटी


एगो लमहर एगो छोट
एगो दुब्बर एगो मोट 
हाथ- गोर भगवान क देहल 
जनि देखस एतना ले खोंट
चलत-फिरत तनि गोंरवे झांति 
उंहा लौंडिया राजे काटी    


माई ना बक्चोच रहत जब
दवईया एगो बूंद पियत तब 
देसवा कहत न लंगरा ओके 
उहो छतिया तान चलत अब 
बौरम बनअ न तुहू खांटी
उंहा लौंडिया राजे काटी .  











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